दिल्ली में सरकार गठन का इंतजार…, रविवार तक हो सकती है नए CM के नाम का ऐलान
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नई दिल्ली। दिल्ली (Delhi) में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) (Bharatiya Janata Party (BJP) की जीत के बाद सरकार गठन (Government formation) का इंतजार है। रविवार को नए मुख्यमंत्री (New Chief Minister) के नाम की घोषणा हो सकती है। दिल्ली में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और मंत्रियों समेत अधिकतम 7 लोगों को ‘कुर्सी’ मिल सकती है। भाजपा (BJP) की ओर से फिलहाल कोई संकेत नहीं दिया गया है, लेकिन मंत्रिमंडल को लेकर कई चेहरों को लेकर चर्चा तेज है। कैबिनेट के जरिए पूर्वांचली, महिला, जाट, दलित आदि को साधने की कोशिश की जा सकती है।
दिल्ली में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 7 मंत्री बन सकते हैं। प्रवेश वर्मा, विजेंद्र गुप्ता, मोहन सिंह बिष्ट समेत कुछ नेताओं को कुर्सी मिलने की संभावना सबसे अधिक बताई जा रही है। इन्हें मुख्यमंत्री नहीं तो मंत्री पद मिलना लगभग तय माना जा रहा है। जाट समुदाय से आने वाले प्रवेश वर्मा ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट से हराया है। ‘आप’ सरकार में मंत्री रह चुके कैलाश गहलोत की भी दावेदारी मजबूत है, जिन्होंने चुनाव के बीच केजरीवाल को बड़ा झटका दिया और इस बार भाजपा के टिकट पर बिजवासन से जीते हैं। भाजपा ने इस बार जाट बहुल 10 सीटों पर जीत हासिल की है।
Delhi BJP New CM: 16 फरवरी के बाद हो सकता है मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह
‘आप’ लहर में भी रोहिणी सीट से जीतते रहे विजेंद्र गुप्ता अहम दावेदार हैं। वैश्य समाज से आने वाले विजेंद्र गुप्ता ‘आप’ सरकार के खिलाफ सड़क से सदन तक लगातार संघर्ष करते रहे। वहीं, 40 फीसदी से अधिक मुस्लिम आबादी वाली सीट मुस्तफाबाद से जीत हासिल करने वाले मोहन सिंह बिष्ट को भी मंत्री पद मिलने की संभावना है। वह छह बार के विधायक हैं। बिष्ट को यदि मंत्री नहीं बनाया गया तो विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है। दिल्ली में उत्तराखंड से जुड़े लोगों की अच्छी आबादी है और बिष्ट के अलावा पटपड़गंज सीट से तेज तर्रार युवा नेता रवि नेगी ने भी जीत हासिल की है। नेगी ने पिछली बार जहां मनीष सिसोदिया की नाक में दम कर दिया था तो इस बार उन्होंने यहां अवध ओझा को मात दी है। ऐसे में नेगी की चर्चा भी तेज है। हाल ही में वह तब चर्चा में आ गए थे जब मंच पर पीएम मोदी ने तीन बार उनके पैर छू लिए। नेगी के पैर छूने के बाद पीएम ने ऐसा किया था।
दलित और महिला मंत्री के रूप में इनका नाम
कैबिनेट में एक महिला और एक दलित चेहरे का शामिल होना तय है। सौरभ भारद्वाज को हराने वाली शिखा राय और शालीमार बाग से जीत हासिल करने वाली रेखा गुप्ता प्रमुख हैं। भाजपा की चार महिला नेता इस बार विधायक बनी हैं। शिखा और रेखा गुप्ता के अलावा वजीरपुर में पूनम शर्मा और नजफगढ़ में नीलम पहलवान ने कमल खिलाया है।
दिल्ली में दलित समुदाय के लिए 12 सीटें आरक्षित हैं, जिनमें से 4 पर भाजपा ने जीत हासिल की है। भाजपा मंगोलपुरी, त्रिलोकपुरी, बवाना और मादीपुर जीतने में कामयाब रही। बवाना सीट से जीत हासिल करने वाले रविंद्र इंद्राज सिंह और मादीपुर में राखी बिड़लान को हराने वाले कैलाश गंगवाल की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है।
पूर्वांचली चेहरा कौन होगा?
भाजपा को 48 सीटों पर मिली जीत में पूर्वांचलियों का अहम योगदान है। भाजपा ने इस बार करीब 17 ऐसी सीटों पर जीत हासिल की है, जिन पर पूर्वांचलियों की अच्छी आबादी है। ऐसे में चर्चा तो यह भी कि किसी पूर्वांचली को भी मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री नहीं भी बना तो डिप्टी सीएम या मंत्री पद मिलना तय है। पूर्वांचली चेहरे के तौर पर अभय वर्मा का नाम सबसे आगे है। लक्ष्मीनगर से जीते अभय वर्मा मूल रूप से बिहार के दरभंगा के रहने वाले हैं। विकासपुरी विधानसभा सीट से जीते पंकज कुमार सिंह और संगम विहार में दिनेश मोहनिया का परास्त करने वाले पंकज चौधरी भी दावेदारों की सूची में हैं।