एसएंडपी ने वित्त वर्ष 2025 में भारत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.8% पर बरकरार रखा

0

नई दिल्ली। एसएंडपी ने उम्मीद जताई है कि ऊंची ब्याज दर और राजकोषीय घाटे में कमी से गैर-कृषि क्षेत्रों में मांग में नरमी के साथ चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर घटकर 6.8 प्रतिशत रह जाएगी। वित्त वर्ष 2025-26 और 2026-27 के लिए, एसएंडपी ने क्रमशः 6.9 प्रतिशत और 7 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया। चीन के लिए, एसएंडपी ने अपने 2024 के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का अनुमान 4.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया है।

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने सोमवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को 6.8 प्रतिशत पर बरकरार रखा और कहा कि ऊंची ब्याज दरों तथा कम राजकोषीय प्रोत्साहन से मांग में कमी आएगी। एशिया प्रशांत क्षेत्र के लिए अपने आर्थिक दृष्टिकोण में, एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत बढ़ने के साथ भारत की आर्थिक वृद्धि आश्चर्यजनक रूप से ऊपर की ओर बनी हुई है।

एसएंडपी ने कहा, हमें उम्मीद है कि ऊंची ब्याज दर और राजकोषीय घाटे में कमी से गैर-कृषि क्षेत्रों में मांग में नरमी के साथ चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर घटकर 6.8 प्रतिशत रह जाएगी। वित्त वर्ष 2025-26 और 2026-27 के लिए, एसएंडपी ने क्रमशः 6.9 प्रतिशत और 7 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया। वित्त वर्ष 2025 के लिए एसएंडपी का अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तुलना में कम है। आरबीआई ने इस महीने की शुरुआत में ग्रामीण मांग में सुधार और मुद्रास्फीति घटने के कारण कारण चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था का विस्तार 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।

एक अन्य रेटिंग एजेंसी फिच ने वित्त वर्ष 2025 में भारत की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। एशियाई विकास बैंक (ADB) का अनुमान है कि भारत की GDP 7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। मूडीज रेटिंग्स और डेलॉयट इंडिया ने वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की जीडीपी 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है। जबकि मॉर्गन स्टेनली ने 6.8 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया है। चीन के लिए, एसएंडपी ने अपने 2024 के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का अनुमान 4.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया, लेकिन दूसरी तिमाही में इसमें क्रमिक मंदी आ सकती है। अनुमानों में कहा गया है कि खपत में नरमी और विनिर्माण क्षेत्र में मजबूत निवेश का असर कीमतों और लाभ मार्जिन पर पड़ेगा।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *