कोर्ट में बोले चीनी निवेशक-पाकिस्तानी पुलिस कर रही उत्पीड़न
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हाईकोर्ट के समक्ष रिश्वत मांगने व दैनिक कार्यों में बाधा डालने के आरोप
कराची। पाकिस्तान हमेशा चीन को अपना अभिन्न मित्र मानता है लेकिन, चीनी नागरिकों के साथ यहां कैसा बर्ताव होता है इसकी गवाही बाकायदा कराची के सिंध हाईकोर्ट में हुई। पाकिस्तान में चीनी निवेशकों ने स्थानीय पुलिस द्वारा कथित उत्पीड़न और जबरन वसूली के खिलाफ सिंध हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पुलिस पर हवाई अड्डे से लेकर उनके घरों तक रिश्वत मांगने और उनके दैनिक कार्यों में बाधा उत्पन्न करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि, पाकिस्तानी पुलिस अच्छी नहीं है। उन्होंने पाकिस्तानी गृह मंत्रालय, सिंध प्रांत के मुख्य सचिव, राज्य के पुलिस के महानिरीक्षक, चीनी वाणिज्य दूतावास और कुछ अन्य लोगों को भी अपनी चिंताएं बताईं। शिकायतकर्ताओं के अनुसार, उन्हें प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सहित पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व द्वारा देश में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन देश में उन्हें लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। सिंध हाईकोर्ट ने याचिका पर संज्ञान लेने के बाद मामले में सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए और उनसे चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है। पाकिस्तान पर पहले भी अपने निवेशकों को परेशान करने का आरोप लगाया गया था। एआरवाई न्यूज के अनुसार, 15 दिसंबर को काशमीर-कांधकोट में सिंधु राजमार्ग पर काम कर रही एक चीनी कंपनी से एक कुख्यात डकैत ने जबरन वसूली की मांग की। ऐसी पर्ची मिलने के बाद चाइना सिविल इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन ने सिंध सरकार को इस मामले की जानकारी दी।
प्रांत छोड़ने या वतन वापसी की मजबूरी
निवेशकों ने हाईकोर्ट से सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने स्थानीय पुलिस में रिश्वत संस्कृति पर निराशा जताते हुए कहा, यदि उचित कार्रवाई नहीं हुईं तो उनके पास प्रांत छोड़ने या अपने वतन लौटने के अलाका कोई अन्य विकल्प नहीं बचेगा। उधर, सिंध के पुलिस महानिरेक्षक (आईजी) गुलाम नबी मेमन पुलिस के बचाव में उतरे हैं। हाईकोर्ट में शिकायत होने के बाद उन्होंने कहा कि राज्य में जबरन वसूली के खिलाफ चीन के किसी भी शगरिक ने शिकायत नहीं दर्ज कराई है।