Mussoorie: पहाड़ों की रानी में दिखने लगी विंटर लाइन
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पर्यटकों ने कैमरे में कैद किए खूबसूरत नजारे
देवभूमि उत्तराखंड के मसूरी में मौसम साफ होते ही विंटर लाइन का खूबसूरत नजारा दिखने लगा है। रविवार को विंटर लाइन पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी रही। यह माल रोड के विभिन्न स्थानों से दिखाई दी। जिससे माल रोड पर घूम रहे सैलानियों ने इस खूबसूरत लम्हे को अपने कैमरों में कैद भी किया।
ऐसे समझें विंटर लाइन क्या होती है?
जानकारों के अनुसार सर्दियों में वायुमंडल में नमी आ जाती है और मैदानी इलाकों से धूल, प्रदूषित धुएं के कण वायुमंडल में जाकर अपनी जगह स्थिर हो जाते हैं। ऐसे में वायुमंडल में एक सीधी समांतर रेखा आ जाती है, जिसे विंटर लाइन या शीत रेखा कहा जाता है।
इस रेखा में एक विशेष कोण से जैसे ही सूर्य का प्रकाश पड़ता है तो लाल, पीला, नीला, नारंगी रंग लिए विंटर लाइन दिखाई देती है। सर्दियों के दिनों में सूर्योदय तक और सूर्यास्त के बाद विंटर लाइन का दीदार कर सकते हैं। विंटर लाइन स्विट्जरलैंड के अलावा भारत में नैनीताल, मसूरी, चकराता से दिखाई देती है। मौसम के जानकारों के अनुसार वायुमंडल में जितने ज्यादा धूल के कण होंगे विंटर लाइन उतनी ही ज्यादा तीव्र होगी, यही वजह है कि विंटर लाइन का रंग कभी गहरा और कभी हल्का दिखाई देता है।
बर्फबारी न होने से घटे सैलानी
वहीं, मसूरी शहर में बर्फबारी नहीं होने का असर पर्यटन व्यवसाय पर पड़ा है। होटलियर को उम्मीद थी कि नए साल का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में सैलानी पहुंंचेंगे, लेकिन 70 फीसदी होटल ही पैक हो पाए।
ज्ञात हो इससे पहले साल 2024 में दिसंबर के शुरुआती दिनों में ही जब उत्तराखंड के पहाड़ों में कुछ जगह अच्छी खासी ठंड पड़ने लगी है। उस समय करीब 9 दिसंबर को भी नैनीताल में ठंड के साथ-साथ पहाड़ों से सुंदर विंटर लाइन का नजारा भी दिखा था।