फेडरल रिजर्व के फैसले से पहले घरेलू बाजारों में लगातार दूसरे सत्र रही गिरावट
- चौतरफा बिकवाली से सेंसेक्स 1,064अंक टूटा, 4.92 लाख करोड़ रुपये डूबे
चौतरफा बिकवाली से घरेलू शेयर बाजारों में मंगलवार को लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में गिरावट रहो। सेंसेक्स और निफ्टी एक फीसदी से अधिक टूटकर क्रमशः 81,000 एवं 24,500 के नीचे बंद हुए। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों पर फैसला आने से पहले निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया। वैश्विक बाजारों में नकारात्मक रुख के बीच घरेलू बाजार से विदेशी पूंजी निकासी से भी निवेशकों की धारणा प्रभाबित हुई।
सेंसेक्स 1,064.12 अंक या 1.30 फीसदी का गोता लगाकर 80,684.45 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में एक समय यह 1,136.37 अंक तक लुढ़क गया था। निफ्टी 332.25 अंक या 1.35 फीसदी टूटकर 24,336 पर बंद हुआ। सेंसेक्स के सभी 30 कंपनियों के शेयर लाल निशान में बंद हुए। भारती एयरटेल सबसे ज्यादा 2.83 फीसदी नुकसान में रहा।
बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों की संयुक्त पूंजी 4.92 लाख करोड़ घटकर 455.13 लाख करोड़ रुपये रह गई।
सभी सूचकांक लाल निशान में बंद
बीएसई मिडकैप सूचकांक में 0.65% व स्मॉलकैप में 0.52% गिरावट रही। सभी सेक्टोरेल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए।
– दूरसंचार में 2.18 फीसदी, धातु में 1.77 फीसदी, ऑटो में 1.70 फीसदी, ऊर्जा में 1.64 फीसदी, तेल-गैस में 1.59 फीसदी, कमोडिटी में 1.39 फीसदी और वित्तीय सेवा इंडेक्स में 1.37 फोसदी गिरावट रही।
6,409.86 करोड़ की बिकवाली : विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को घरेलू बाजार में शुद्ध रूप में 6,409.86 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2,706.48 करोड़ रुपये को शुद्ध खरीदारी की।
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बाजार में गिरावट के प्रमुख कारण
– नीतिगत व्याज दर पर अमेरिको केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व, बैंक ऑफ जापान और बैंक ऑफ इंग्लैंड के फैसलों से पहले निराशा का माहौल रहा।
– अमेरिका, यूरोप और एशिया समेत दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट रही।
– डॉलर के मुकाबले रुपये के अबतक के निचले स्तर पर आने और ऊंचे व्यापार घाटे से भी बाजार पर दबाव रहा।
– बैंकों में नकदी को कमी करीब छह महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गईं है।
– बैंक शेयरों में सर्वाधिक गिरावट रही। बैंक निफ्टी 1.5 फीसदी नुकसान में रहा।