रामनगरी रामबारात की तैयारी में लीन है। रामबरात 26 नवंबर को सुबह नौ बजे कारसेवकपुरम से प्रस्थान करेगी। रामबरात को लेकर रथ सजाने में कारसेवकपुरम में 10 कारीगर जुटे हुए हैं। श्रीसीताराम का विवाह संपन्न कराने के लिए तिहपति से 40 वैदिक ब्राह्मण भी आ रहे हैं। ये वैदिक ब्राह्मण सीधे जनकपुर पहुंचेंगे और श्रीसीताराम का विवाह संपन्न कराएंगे।
अयोध्या से लेकर जनकपुर तक विवाह को तैयारियां ऐसी हैं कि त्रेतायुग के रामबरात की स्मृति जीवंत हो उठेगी।
रामचरित मानस के बालकांड में वर्णित चौपाई भी जीवंत हो रही है। रथ सारथिन्ह विचित्र बनाए, ध्वज पताक मनि भूषन लाए, चबंर चार किंकिनि धुनि करहीं। भानु जान सोभा अपहरहीं…सारथियों ने ध्वजा, पताका,मणि और आभूषणों को लगाकर रथों
को बहुत विलक्षण बना दिया है। उनमें सुंदर चंवर लगे हैं और घंटियां सुंदर शब्द कर रही हैं। वे रथ इतने सुंदर हैं, मानो सूर्य के रथ की शोभा को छीने लेते हैं। कुछ इसी तरह से रामबरात लेकर जाने वाले रथ भी सज रहे हैं। कोई रथों के मंडप को आकार दे रहा है तो कोई मंडप पर कलश सजाने में जुटा है।
17 प्रांतों के बराती बनेंगे विवाह के साक्षी
रामबरात में 17 प्रांतों के बराती शामिल होंगे। विहिप के केंद्रीय मंत्री ने बताया कि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल,तमिलनाडु के अलावा बरात में मध्यप्रदेश, बिहार,छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र सहित उत्तरप्रदेश के विभिन्न जिलों से बराती शामिल होंगे। अब तक 150 से अधिक लोगों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है।
: बरात जनकपूर पहुंचते-पहुंचते बड़ा स्वरूप ले लेगी। मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव व संग प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हो सकते हैं।
: जनकपुर वासियों के लिए मध्यप्रदेश सरकार की ओर से महाकालेशवर पंदिर प्रबंध समिति ने 1,11,111 लड़ूडू प्रसाद स्वरूप अयोध्या भेजा है।